Sindhukirti Submarine: रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बड़ा निर्णय लेते हुए विशाखापत्तनम में सिंधुकीर्ति पनडुब्बी की मरम्मत के लिए हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) के साथ 934 करोड़ रुपये रुपए के सौदे पर हस्ताक्षर किए। रिपेयर के बाद फिर से सिंधुकीर्ति जंग के लिए तैयार हो जाएगी। एचएसएल की ओर से मरम्मत का कार्य पूरा होने के बाद इसे फिर से नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा।
मरमम्मत के अलावा सबमरीन की कार्यक्षमता में सुधार, उपकरण बदलाव, नेविगेशन या संचार प्रणालियों को अपग्रेड करने के अलावा सिक्योरिटी फीचर्स को अपडेट किया जाएगा। पनडुब्बियों के लिए वैकल्पिक मरम्मत सुविधा विकसित करने के लिए इस रिफिट को उतारा गया है। अधिकारियों के मुताबिक रिफिट में 20 से अधिक सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) शामिल किए जाएंगे। सबमरीन की मरम्मत के दौरान प्रतिदिन 1,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
1990 को सिंधुकीर्ति की शुरुआत
सबमरीन सिंधुकीर्ति विभिन्न क्षमताओं के साथ नौवे के बेड़े का हिस्सा है। ये एक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है। इसे 7 जून, 1990 को शुरू किया गया था। ये 1860 टन पानी विस्थापित कर सकती है। इसकी लंबाई 67.5 मीटर है। पानी के अंदर पनडुब्बी की स्पीड 20 समुद्री मील (लगभग 37 किमी प्रति घंटा) होती है। पानी मे 300 मीटर की गहराई तक डूबकर आगे बढ़ सकती है। इसके अलावा सिंधुकीर्ति 533 मिमी टारपीडो ट्यूबों से लैस है। ये 18 टारपीडो या मिसाइल ले जा सकती है।