बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर में सोमवार को महिलाओं ने शीतला सप्तमी की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान उन्होंने नए वस्त्र पहने। सोलह श्रृंगार कर थाली में ठंडा भोजन सजाया औरर शीतला माता मंदिर पहुंचीं। वहां माता को ठंडे खाने का भोग लगाया।
वहीं विधि-विधान से शीतला माता की पूजा की। वहीं कई महिलाएं मंगलवार को भी शीतला सप्तमी का व्रत रखेंगी, क्योंकि उदया तिथि में सप्तमी उसी दिन पड़ रही है।
शीतला सप्तमी पर महिलाओं द्वारा उपवास रखकर माता की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि एक दिन पूर्व रात में खाना बनाकर सुबह माता शीतला की पूजा-अर्चना कर भोग लगाने से माता प्रसन्न् होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
इसके लिए महिलाएं एक दिन पूर्व की तैयारियों में जुट जाती हैं। महिलाएं पूजा के लिए कई प्रकार के व्यंजन बनाती हैं। इसके बाद सुबह नए वस्त्र पहनकर सभी व्यंजनों को थाली में सजाकर पूजा स्थल पहुंचती हैं। वहां माता की विशेष पूजा-अर्चना कर अपनों से बढ़ों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेती हैं।
इसी कड़ी में शहर की महिलाओं ने सुबह शीतला सप्तमी की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। हरदेव लाल मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर समेत शहर के कई प्रमुख मंदिरों में विराजित शीतला माता की प्रतिमा के समक्ष महिलाओं ने पूजन किया।
पूजा-अर्चना कर अर्पित किया भोग
शहर के शीतला माता में सुबह से ही महिलाओं का आना शुरू हो गया था। इसके एक दिन पूर्व रात में महिलाओं द्वारा घरों में पकवान बनाए गए। सुबह नए वस्त्र धारण कर पकवानों को धाली में सजाकर माता के मंदिर पहुंच माता की पूजा-अर्चना कर ठंडे खाने का भोग लगाया। इसके बाद पुन: घर आकर परिवार के सदस्यों के साथ ठंडा खाना ही खाया गया।
माता को लगाई मेहंदी
पर्व के एक दिन पूर्व नगर की महिलाओं ने रविवार शाम को श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ शीतला मामा को मेहंदी लगाई और रात्रि में ढोकले, ओलिया, पापड़ समेत कई पकवान बनाए। इसके बाद सोमवार अर्ध रात्रि से ही महिलाएं स्नान कर चुंदड़ी, वस्त्र धारण कर मंगल गीत गाती हुई माता के मंदिर पहुंचीं। जहां माता की पूजा-अर्चना कर ठंडे भोजन का भोग लगाया गया। महिलाओं इस दौरान अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
जारी रहेगा क्रम
पंचांग के अनुसार सप्तमी तिथि सोमवार को रात 9:27 बजे से शुरू हुई हैं। ऐसे में कई महिलाओं ने सोमवार को शीतला सप्तमी की पूजा की है। वहीं उदया तिथि के अनुसार व्रत करने वाली महिलाएं अब 14 मार्च को शीतला सप्तमी की पूजा करेंगी। होलिका दहन से सप्तमी तक प्रतिदिन सुबह महिलाएं, युवतियों द्वारा होलिका दहन स्थलों और शीतला माता मंदिर पर मां शीतला की प्रतिमा पर जल चढ़ाकर ठंडा किया जाता है। यह दौर सप्तमी तक चलता है।
Posted By: Yogeshwar Sharma