Publish Date: | Tue, 14 Mar 2023 08:18 AM (IST)
Sheetala Ashtami 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी मनाई जाती है। यह होली से के बाद आठवां दिन होता है जिसमें माता शीतला की विधि-विधान से पूजा की जाती है। बहुत से भक्त शीतला सप्तमी मनाते हैं तो वहीं बहुत से ऐसे भी भक्त हैं जो अष्टमी तिथि पर शीतला अष्टमी का व्रत रखते हैं। शीतला अष्टमी को बसौड़ा पूजन भी कहते हैं।
शीतला अष्टमी मुहूर्त
चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ 14 मार्च 2023 को रात 8 बजकर 22 मिनट पर होगा और अष्टमी का समापन 15 मार्च की शाम 6 बजकर 45 मिनट पर होगा।
शीतला अष्टमी के दिन करें ये उपाय
– शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता को जल चढ़ाएं और उसमें से थोड़ा से पानी बचा लीजिए फिर उसे जल को पूरे घर में छिड़क दें। ऐसा करने से घर की सुख शांति बनी रहती है।
– शीतला अष्टमी के दिन पूजा करते वक्त माता को कुमकुम, अक्षत और लाल रंग के फूल जरूर चढ़ाएं, इससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
– शीतला माता की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करते रहें-
मंत्र- शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता। शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।।”ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः” ध्यायामि शीतलां देवीं, रासभस्थां दिगम्बराम्।, मार्जनी-कलशोपेतां शूर्पालङ्कृत-मस्तकाम्।।
– अष्टमी के दिन आप सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहन लीजिए। इसके बाद पूजा घर में दीपक जलाएं और फिर हाथ में फूल, अक्षत, जल और दक्षिणा लेकर व्रत का संकल्प लीजिए।
शीतला माता को लगाएं बासी भोग
धार्मिक मान्यता है कि शीतला माता को बासी भोजन काफी प्रिय है। माता शीतला के भोग के लिए बासोड़ा से एक दिन पहले ही मीठे चावल, राबड़ी, पुए, हलवा, रोटी आदि पकवान तैयार कर लिए जाते हैं। फिर अगले दिन सुबह बासी भोजन ही देवी को चढ़ाया जाता है और इसे प्रसाद के रुप में खाया जाता है।
Posted By: Arvind Dubey