बोर्ड ने अपने नोटिस में कहा कि एक कोर्स वर्क में पूरे साल का कार्य करने की कोशिश करना छात्रों को हैरानी में डाल सकता है। ऐसा करने से छात्र अन्य कार्यों के साथ पढ़ाई में भी ध्यान लगाने का प्रयास करेंगे जिसमें उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ सकता है। छात्र अपने दैनिक जीवन में तनाव और अन्य समस्याओं का सामना करने को मजबूर हो जाएंगे। सीबीएसई का कहना है कि सेशन जल्दी शुरू होने के कारण छात्रों को अन्य गतिविधियों के लिए समय नहीं मिलेगा। अन्य गतिविधियां जैसे नए स्किल्स सीखना, नैतिक शिक्षा का ज्ञान, फिजिकल शिक्षा आदि के लिए छात्र अधिक समय नहीं दे पाएंगे। जबकि ये गतिविधियां भी उतनी ही जरूरी जितनी शिक्षा।
बोर्ड के सचिव का कहना है कि छात्र के जीवन में ये गतिविधियां शिक्षा के समान ही महत्व रखती हैं। इन बातों को संज्ञान में लेते हुए बोर्ड ने सभी स्कूलों के प्रिंसिपल को यह सलाह दी है कि नया एकेडमिक सेशन निर्धारित समय से पहले शुरू न करें और 31 मार्च तक शैक्षणिक सत्र का सख्ती से पालन करने की सलाह दी है।