Bhopal Gas Tragedy: सुप्रीम कोर्ट आज हादसे में मारे गए पीड़ितों को अधिक मुआवजा देने वाली याचिका पर अपना फैसला देगा। इस मामले में केंद्र की ओर से क्युरेटिव पेटिशन दायर की गई थी।
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oi-Ankur Singh

Bhopal Gas Tragedy: सुप्रीम कोर्ट आज भोपाल गैस कांड में मारे गए लोगों को अधिक मुआवजा देने की याचिका पर आज अपना फैसला सुनाएगा। 1984 में भोपाल गैस त्रासदी में मारे गए लोगों के लिए मुआवजे की राशि को बढ़ाने के लिए केंद्र की ओर से क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच आज सुनवाई कर रही है। बेंच ने इस मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। संविधान पीठ ने तीन दिनों तक इस मामले पर सुनवाई की थी। दरअसल केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में क्यूरेटिव याचिका दायर की गई थी, जिसमे केंद्र की ओर से कहा गया है कि यूनियन कार्बाइड गैस कांड के पीड़ितों को यह मुआवजा दिया जाए।
वहीं यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि 1989 में जो समझौता हुआ था, उसके अलावा हम पीड़ितों को अतिरिक्त पैसा नहीं देंगे। इससे पहले 20 सितंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से केंद्र सरकार से यह पूछा गया था कि क्या वह पीड़ितों को मुआवजा राशि बढ़ाने को लेकर क्यूरेटिव याचिका दायर करना चाहती है, उसका इस मामले पर क्या रुख है। यही नहीं केंद्र से 2010 में मनमोहन सिंह सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर भी उसका रुख पूछा गया है।
बता दें कि इस मामले की सुनवाई पांच जजों की बेंच कर रही है जिसमे जस्टिस एसके कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एएस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जेके माहेश्वरी शामिल हैं। केंद्र सरकार की ओर से 2011 में भोपाल गैस पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा दिलाने के लिए यह याचिका दायर की गई थी। केंद्र की ओर से कहा गया है कि अमेरिका की कंपनी यूनियन कार्बाइड अब डॉव केमिकल्स के स्वामित्व में हैं, लिहाजा उसे 7413 करोड़ रुपए अतिरिक्त मुआवजा देना चाहिए।
इससे पहले दिसंबर 2010 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके कहा गया था कि 14 फरवरी 1989 को सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया था उसपर फिर से सुनवाई की जाए। उस वक्त मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी पर 750 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया गया था। याचिका में कहा गया था कि उस वक्त गलत आंकड़ों के आधार पर समझौता हुआ था। उस वक्त चोट और नुकसान के सही आंकड़े सामने नहीं आए थे, इसके साथ ही पर्यावरण को हुए नुकसान को ध्यान में नहीं रखा गया। लिहाजा उस वक्त समझौता 3000 लोगों की मौत और 70 हजार घायलों के आंकड़े के आधार पर मुआवजा घोषित किया गया था। लेकिन क्यूरेटिव पेटिशन में कहा गया है कि मौतों की कुल संख्या 5295 और घायलों की संख्या 527894 है।
English summary
Supreme Court to pronounce its order on Bhopal Gas tragedy compensation plea