Jupiter Combust 2023: विद्या, ज्ञान, धन और उन्नति के कारक देवगुरु बृहस्पति इसी महीने में अस्त होनेवाले हैं।उनके अस्त होने से सभी राशियों पर असर पड़ेगा। दरअसल, ज्योतिष में गुरु को विशेष स्थान प्राप्त है। ये 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होते हैं। उन्हें सबसे शुभ ग्रह माना जाता है, जो सभी तरह के शुभ फलों में वृद्धि के लिए जाने जाते हैं। देवगुरु बृहस्पति की कृपा से ही व्यक्ति का भाग्योदय होता है। इन्हें ज्ञान, शिक्षा, संतान, बड़े भाई, धार्मिक कार्य, धन, दान, पुण्य और वृद्धि का कारक ग्रह कहा जाता है। देवगुरु बृहस्पति 28 मार्च को अस्त होने जा रहे हैं। इनके अस्त होने से सभी राशियों के शुभ प्रभावों में कमी आएगी। गुरु के अस्त होने के कारण विवाह से लेकर सभी मांगलिक कार्य थम जाएंगे।
अस्त होने का अर्थ
सभी ग्रहों में सूर्य को सबसे प्रबल और शक्तिशाली माना जाता है। अपनी परिक्रमा के दौरान जब भी कोई ग्रह सूर्य के समीप आता है, तो वह अस्त हो जाता है। यानी सूर्य की वजह से उसकी शक्तियां क्षीण पड़ जाती हैं। 15 मार्च को सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे और यहां पहले से मौजूद गुरु को अस्त करेंगे। गुरु अस्त होकर सभी राशियों को प्रभावित करेंगे। लेकिन उन राशियों को शुभ फलों में ज्यादा कमी होगी, जहां गुरु कारक माने जाते हैं। इनमें सूर्य, मंगल और गुरु के स्वामित्व वाली राशियां मुख्य रुप से प्रभावित होंगी। राहत की बात ये है कि ये प्रभाव कुछ ही दिनों का होगा और जैसे ही सूर्य अगली राशि में गोचर करेंगे, गुरु का उदय हो जाएगा। आइए जानते हैं, गुरु के अस्त होने से किन राशियों के शुभ फलों में कमी होगी। –
मेष राशि
आपकी राशि में गुरु नवमेश हैं यानी भाग्य स्थान के स्वामी। गुरु के अस्त होने से आपके भाग्य में कमी आएगी और काम में बाधा आएगी। घर के दूर जाने के अवसर बन सकते हैं और बेवजह की लंबी यात्रा करनी पड़ सकती है। इस दौरान पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आपके खर्चों में कमी आएगी और विदेश व्यापार से जुड़े काम में कामयाबी मिल सकती है।
मिथुन राशि
आपकी राशि के लिए गुरु सप्तम और दशम भाव के स्वामी हैं। गुरु के अस्त होने से वैवाहिक जीवन में तनाव आ सकता है। अगर विवाह की चर्चा चल रही हो, तो इस दौरान कुछ भी पक्का ना करें। कार्यक्षेत्र में बाधा आ सकती है और उच्च अधिकारियों से विवाद हो सकता है। तनाव बढ़ सकता है और मन में चिंता बनी रहेगी। कार्यक्षेत्र और व्यापार में सावधानी से कार्य करें। विवादों की स्थिति से दूर रहें।
कन्या राशि
आपकी राशि के लिए गुरु चतुर्थेश और सप्तमेश हैं। आपकी सुख-सुविधाओं में कमी आ सकती है। परिवार में तनाव बढ़ सकता है और आर्थिक स्थिति में कमी आ सकती है। विवाह और प्रणयसंबंधों में बाधा आएगी और ये किसी मांगलिक कार्य या नया कार्य शुरु करने का समय नहीं है। साझेदारी के व्यवसाय में घाटा हो सकता है। व्यापार में लाभ के अवसर कम ही सामने आएंगे। परिवार में किसी का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
वृश्चिक राशि
आपकी राशि में गुरु द्वितीय और पंचम स्थान के स्वामी हैं। गुरु के अस्त होने से पढ़ाई में बाधा आएगी और किसी काम में दिल नहीं लगेगा। रचनात्मक कार्यों में शिथिलता रहेगी और मानसिक तनाव बढ़ सकता है। आय में कमी होगी और बेवजह के खर्चे बढ़ सकते हैं। इस अवधि में सट्टा, निवेश आदि से जुड़ा कोई फैसला ना लें, नुकसान हो सकता है। संतान पक्ष से परेशानी हो सकती है।
डिसक्लेमर
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Posted By: Shailendra Kumar